वाक्य, दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह को कहते हैं। एक वाक्य भाषा की एक इकाई है जिसमें व्याकरणिक रूप से एक या एक से अधिक शब्द होते हैं। इस तरह के वाक्य का इस्तेमाल निवेदन, प्रश्न, उच्चारण, अनुरोध, आदेश या सुझाव व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है। उसके लिए वाक्य में अर्थ के अनुसार शब्दों को शामिल कर सकते हैं। किसी एक भाषा में शब्दों के संचालन, उसके नियमों और सिद्धांतों को समझाने के लिए उपयुक्त वाक्य रचना का उपयोग किया जाता है। इस लेख में हम, वाक्य के कितने प्रकार होते हैं इसे जानेंगे।

वाक्य के कितने प्रकार होते हैं
वाक्य के आठ प्रकार होते हैं, जो इस प्रकार है:
1-विधान वाचक वाक्य
जिन वाक्योँ में क्रिया के करने या होने का बोध हो और ऐसे वाक्योँ में किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध होता हो, उन्हें विधिवाचक या विधानवाचक वाक्य कहते हैं।
2- निषेधवाचक वाक्य
एक ऐसा सन्देश जो किसी काम को न करने का आदेश दे रहा हो वह निषेधवाचक वाक्य कहलाता है। इन वाक्यों में प्रायः न, नहीं या मत जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
3- प्रश्नवाचक वाक्य
प्रश्नवाचक वाक्य, वाक्य का एक प्रकार है। जिस वाक्य में प्रश्न पूछ ने का भाव हो उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं।
4- विस्म्यादिवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त होँ, उन्हें विस्मय बोधक वाक्य कहते है।
5- आज्ञावाचक वाक्य
जिन वाक्योँ से आदेश या आज्ञा या अनुमति का बोध हो, उन्हेँ आज्ञावाचक वाक्य कहते हैँ।
6- इच्छावाचक वाक्य
जिन वाक्योँ में वक्ता की किसी इच्छा, आशा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैंँ।
7-संकेतवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।
8- संदेहवाचक वाक्य
जिन वाक्यों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
इस लेख में हमने, वाक्य के कितने प्रकार होते हैं इसे जाना। बाकी ज्ञानवर्धक जानकारी केलिए नीचे दिए गए लेख पढ़े: