Parsarg in Hindi: आप उपसर्ग और परसर्ग के बारे में अगर नहीं जानते तो हम इस आर्टिकल में परसर्ग किसे कहते हैं यह उदाहरण सहित आपको बताने जा रहे है।

परसर्ग किसे कहते हैं
वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम के कारकीय संबंध को प्रकट करने वाले चिह्नों को परसर्ग कहते हैं। परसर्ग उन्हे कहतें हैं जो शब्दों के साथ जुड़कर अर्थपूर्ण वाक्य बनातें हैं। उदाहरण के तौर पर – राम की पत्नि, कलम से, उस के लिए, घर में, पेड़ पर आदि।
जो सुख में साथ रहे और दुख में आंसू पोंछे, सत्य के मार्ग से भटकने पर हाथ बढ़ाकर रोक ले और अच्छे कार्यों में बढ़ावा दे, वही सच्चा मित्र है।
ऊपर दिए गए वाक्य से अगर गहरे काले लिखे शब्दों को हटा दिया जाए तो शायद इसका सही और सटीक अर्थ हम तक ना पहुंच पाए। ये गहरे काले लिखे शब्द “कारक के चिह्न” या “कारक की विभक्ति” कहलाते हैं। इन्हें ही हम परसर्ग भी कहते हैं।
संस्कृत से हिंदी में लिए गए शब्दों में शब्द का आरंभिक भाग उपसर्ग कहलाता है, तो अन्त्य प्रत्यय परसर्ग कहलाता है। उदाहरण – ‘सन्माननीय’ शब्द में सत उपसर्ग है, और नीय परसर्ग है।
यह भी पढ़े –