सोरठा (Sortha) हिंदी कविता में एक अर्धसम मात्राछंद है। दोहा, सोरठा के ठीक विपरीत है। इसकी विषम संख्या वाली रेखा में 13 मात्राएँ होती हैं और सम संख्या वाली रेखा में 11 मात्राएँ होती हैं। इस लेख में हम सोरठा छंद में कितने चरण होते हैं जानेंगे।

सोरठा छंद में कितने चरण होते हैं
सोरठा छंद में चार चरण होते हैं। जिनमें 11 चरण विषम संख्या वाले चरणों में और 13 चरण सम संख्या वाले चरणों में होते हैं। विषम चरण के अंत से दूसरा अक्षर गुरु होना चाहिए और अंतिम लघु मात्रा होना चाहिए।
सोरठा इस प्रकार होता है:
उदाहरण–
जो सुमिरत सिधि होय,
गननायक करिबर बदन।
करहु अनुग्रह सोय,
बुद्धि रासि सुभ गुन सदन॥
दोहा इस प्रकार होता है:
उदाहरण–
मुरली वाले मोहना,
मुरली नेक बजाय।
तेरी मुरली मन हरो,
घर अँगना न सुहाय॥
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