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लहसुनिया रत्न के फायदे और नुकसान

लहसुनिया रत्न के फायदे और नुकसान: रत्न और ज्योतिष का आपस में गहरा संबंध है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक ग्रह का एक प्रतिनिधि रत्न निर्धारित किया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्नों में अलौकिक शक्तियां होती हैं, यदि रत्नों को सही समय पर धारण किया जाए और ग्रहों की सही स्थिति को देखा जाए तो उनका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है।

लहसुनिया रत्न के फायदे और नुकसान

केतु के लिए लहसुनिया धारण करने की सलाह दी जाती है। व्यापार और कार्य में Lahsuniya Ratna धारण करने से लाभ मिलता है। लहसुनिया रत्न अपनी चमक के कारण विश्व में प्रसिद्ध है, क्योंकि यह रत्न सभी रत्नों में सबसे चमकीला होता है। लशुनिया पत्थर न केवल केतु के दोषों को दूर करता है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य और ज्योतिषीय लाभ भी हैं।

रत्नों की विशेषता यह है कि इन्हें केवल कुंडली में ग्रहों की स्थिति के आधार पर ही पहना जा सकता है। इस रत्न को सोने या तांबे की अंगूठी में धारण करना चाहिए। Lahsuniya Ratna तर्जनी में धारण करना चाहिए क्योंकि बृहस्पति की राशि धनु राशि में उच्च का होता है।

लहसुनिया रत्न के फायदे

1. ऐसे लोग जो बड़ा व्यापार करते हैं और उन्हें अपने व्यापार में नुकसान होता है तो उनके लिए लहसुनिया रत्न काफी फायदेमंद साबित होगा। क्‍योंकि इस रत्‍न को धारण करने से जातक के व्‍यापार में आ रही परेशानियां खत्‍म हो जाती हैं और रुके हुए कार्य भी सफलतापूर्वक पूरे होते हैं।

2. लहसुनिया रत्न अध्यात्म के मार्ग पर जाने वाले लोगों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है, इसे धारण करने से सांसारिक मोह दूर हो जाता है और व्यक्ति को अध्यात्म और धर्म के मार्ग पर चलना पड़ता है। Lehsunia Stone के शुभ प्रभाव से जातक के जीवन में आने वाली परेशानियां कम होती हैं और सुस्ती, कैंसर और लकवा जैसे रोगों से मुक्ति मिलती है।

3. लहसुनिया रत्न उन लोगों के लिए अच्छा साबित होता है। जिनकी संपत्ति मायने रखती है और आर्थिक स्थिति खराब होती है। इसकी मदद से व्यक्ति की प्रोफेशनल लाइफ भी आगे बढ़ती है।

4. Lahsuniya Ratna के प्रभाव से शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं। यह स्टोन डिप्रेशन, लकवा और कैंसर जैसी बीमारियों में भी फायदेमंद होता है। लहसुनिया रत्न मन को शांति प्रदान करता है और इसके प्रभाव से स्मरण शक्ति बढ़ती है और व्यक्ति तनाव से दूर रहता है।

5. केतु ग्रह जीवन को संघर्षपूर्ण बनाकर कठिन पाठ पढ़ाता है, लहसुनिया रत्न केतु का रत्न है, जो व्यक्ति को इस चुनौतीपूर्ण स्थिति में भी सुख-सुविधाओं का भोग कराता है।

6. यदि कुंडली में केतु दूसरे, तीसरे, चौथे, पांचवें, नौवें और दसवें भाव में स्थित हो तो लहसुनिया पहनना फायदेमंद साबित होता है। केतु सूर्य के साथ हो या सूर्य से दिखाई देने पर भी लहसुनिया रत्न धारण करना लाभदायक होता है।

7. लहसुनिया रत्न उन लोगों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है जो किसी भी तरह का जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं। उदाहरण के लिए यदि जातक शेयर बाजार में निवेश करता है या अपना पैसा जोखिम भरे मामलों में लगाता है तो इस रत्न के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को सफलता मिलती है और जोखिम की स्थिति कम रहती है।

लहसुनिया रत्न के नुकसान

1. इस रत्न को कभी भी हीरे के साथ नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे बार-बार दुर्घटनाएं हो सकती हैं। लाल किताब के अनुसार यदि केतु तीसरे और छठे भाव में हो तो Lehsunia Stone नहीं पहनना चाहिए नहीं तो नुकसान होगा।

2. अगर लहसुनिया रत्न में चमक न हो तो उसे नहीं पहनना चाहिए क्योंकि इससे धन की हानि होती है। लहुनिया रत्न के साथ-साथ माणिक्य, मूंगा, पुखराज, मोती वर्जित है। लहुसिया रत्न धारण न करें। यह हानिकारक है।

3. लहसुनिया रत्न पहनने वाला स्वभाव से भले ही अच्छा हो लेकिन बिना वजह झगड़ों में उलझ जाता है। व्यक्ति थका हुआ, कमजोर और तनावग्रस्त महसूस करता है और शरीर से पसीना निकलने लगता है।

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