आयुर्वेद के अनुसार जामुन के फल में कई औषधीय गुण होते हैं। इन औषधीय गुणों के कारण जामुन के फायदे अनेक हैं। गर्मी के मौसम में आम के आने पर जामुन भी आता है। आयुर्वेद में जामुन मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जाना जाता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट भी होता है, इसलिए यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा होता है। तो चलिए जामुन की लकड़ी के फायदे क्या क्या है, जानते हैं।

जामुन की लकड़ी के फायदे
1. जामुन की खासियत यह है कि इसकी लकड़ी पानी में ज्यादा देर तक नहीं सड़ती है। जामुन के इसी गुण के कारण इसका उपयोग नाव बनाने में बड़े पैमाने पर किया जाता है। नाव की निचली सतह, जो हमेशा पानी में रहती है, जामुन की लकड़ी से बनी होती है।
2. अगर पानी की टंकी में लकड़ी का मोटा टुकड़ा रखा जाए तो टैंक में शैवाल या हरी काई जमा नहीं होती और पानी सड़ता नहीं है। टैंक को लंबे समय तक साफ नहीं करना पड़ता है।
3. जब गांव के ग्रामीण इलाकों में कुएं की खुदाई की गई थी, तो इसकी तलहटी में जामुन की लकड़ी का उपयोग किया जाता है, जिसे ‘जमोट’ कहा जाता है। आजकल लोग जामुन का इस्तेमाल घर बनाने में करने लगे हैं।
4. मुंह के छाले अक्सर तब होते हैं जब खान-पान में बदलाव किया जाता है। जामुन के पत्तों के रस से गरारे करने से मुंह के छालों में आराम मिलता है। जामुन के फलों का रस 10-15 मिलीलीटर नियमित रूप से लें। इससे गले के रोग भी दूर होते हैं।
5. जामुन के पेड़ की छाल को पीसकर घाव पर छिड़कने से घाव जल्दी भर जाता है। जामुन के 5-6 पत्तों को पीसकर लेप करने से घावों से पिव निकल जाता है जिससे घाव ठीक हो जाते हैं।
6. जामुन का उपयोग त्वचा रोगों को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। जामुन की छाल एक अच्छा रक्त शोधक है, जो खून को साफ करता है और त्वचा रोगों को दूर करता है। इसके कारण जामुन के रस को त्वचा पर लगाने से पिंपल्स जैसे विकारों से राहत मिलती है।
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