आज भी कई लोगों को ‘ दुनिया के सात अजूबे ‘ का बारे मे ज्यादा जानकारी नहीं है. हम कई सालों से इन अजूबों के बारे मे कुछ ना कुछ सुनते आए है. इनमे मुख्य तौर पर आपने अपने देश मे मौजूद ताजमहल के बारे जरूर सुना होगा या हो सकता है आपने इसे कई बार देखा भी हो. हो सकता है इसके साथ आपने चीन की विशाल दीवार के बारे मे भी सुना हो. लेकिन इसके अलावा भी बाकी बचे अजूबों के बारे मे शायद हो सकता है आपको ज्यादा जानकारी ना हो. तो इसी लिए हमने इस आर्टिकल के जरिए आवश्यक सभी जानकारी सरल और सामान्य भाषा मे आपके लिए उपलब्ध कराई है.

आज के मौजूद अजूबों के के अलावा पहले भी दुनिया मे ऐसे आश्चर्यकारक अजूबे गिने जाते थे. एलेक्जेंड्रिया के संग्रहालय में ईसा पूर्व 485-425 के बीच मे इतिहासकार हेरोडोटस और ईसा पूर्व 305-240 के करीब साइरेन के विद्वान कैलिमाचस ने विश्व के सात अजूबों की सूची बनायी थी, दुर्भाग्य से उनके लेखन नहीं बचे हैं हालांकि उनके संदर्भ आज भी मौजूद है. वे अजूबे नीचे दिए गए है.
- गिज़ा का महान पिरामिड
- बेबीलोन का हेंगिग गार्डन
- ओलिम्पिया का ज़ियूस मूरत
- आर्टेमिस का मंदिर इफिसस में
- मौस्सोल्लस का मौसलियम हैलिकैर्नैस्सस
- रहोड्स का कोल्लोस्सस
- एलेक्ज़ेन्ड्रिया का लाइटहाऊस
यह वो अजूबे है जो अभी किसी कारणवर्ष नहीं बचे या नष्ट हो गए. इन सात अजूबों मे सिर्फ ग्रेट पिरामिड ऑफ गिजा ही अच्छी कन्डिशन मे बचा हुआ है. इसीलिए दुनिए मे नए सात अजूबे की तलाश की गई; जो अजूबे दुनिया मे मौजूद हो और उन्हे देखा जा सके. इस कारण नई साथ अजूबों की सूची बनायी गई.
दुनिया के सात अजूबे
- ताजमहल (Tajmahal)
- चिचेन इत्ज़ा (The pyramid at Chichen Itza)
- क्राइस्ट रिडीमर (Christ Of Redeemer)
- कोलोज़ीयम (Colosseum)
- चीन की दीवार (Great Wall Of China)
- माचू पिचू (MachuPichu)
- पेट्रा (Petra)
दुनिया के सात अजूबे कैसे चुने गए
दुनिया के साथ नए अजूबों की परियोजना को पुनर्जीवित करने के लिए वर्ष 1999 मे स्विट्जरलैंड के ज्यूरिख मे महत्वपूर्ण प्रयास शुरू हुए. इस परियोजना को सफलतापूर्वक ले जाने के लिए एक न्यू 7 वन्डर फाउंडेशन नाम का निजी फाउंडेशन बनाया गया. स्विस आधारित इस न्यू 7 वन्डर फाउंडेशन का दावा है की टेलीफोन या इन्टरनेट द्वारा १०० मिलियन से अधिक वोट इसमे दर्ज किए गए. इस पोल की वोटिंग काफी सालों तक चली थी, जिसका फाइनल रिजल्ट वर्ष 2007 मे घोषित किया गया.
आइए अब हम इन सात अजूबों की विस्तार से जानकारी लेते है. इन अजूबों की जानकारी काफी रोचक और खास है, जिन्हे जानकार आपको यकीनन खुशी होगी.
दुनिया के सात अजूबे
1. ताजमहल (Taj Mahal, India)

आगरा, उत्तरप्रदेश मे स्थित ताजमहल मुगल वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है. इसे मुगल बादशाह शाहजहाँ ने पत्नी मुमताज की याद मे बनाया था. इसकी वास्तु शैली मे मुख्य तौर पर फारसी और तुर्की शैली का प्रयोग किया गया है. सन 1983 मे ताजमहल यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल बना. ताजमहल का निर्माण 1532 मे शुरू हुआ और लगभग 1648 को पूर्ण हो चुका था, जिसे बनाने मे करीब 15 साल लगे थे. इसे सफ़ेद संगमरमर के बेहतरीन पत्थरो से बनाया गया जिसे देश विदेश से मंगाया गया था. ताजमहल बनाने मे बादशाह ने पूरा सरकारी खजीना खाली कर दिया था.
ताजमहल का निर्माण पूरा हो जाने के बाद शाहजहाँ के अपने पुत्र औरंगजेब ने पिता को आगरा के किले में नज़रबन्द कर दिया था. शाहजहाँ की मृत्यु के बाद उनका शव उनकी पत्नी के साथ दफनाया गया. औरंगजेब से अंग्रेजों तक ताजमहल की हालत खराब हो रही थी, जिसे 19 वी सदी के आखिर के वॉयसरॉय जॉर्ज नैथैनियल कर्ज़न ने संभाला और इस ऐतहासिक धरोहर को संरक्षित किया. बाद मे, 1942 मे अंग्रेज सरकार ने इसे और सुरक्षा कवच के साथ सुव्यवस्थित किया. आजादी के बाद भारत सरकार ने इसे आवश्यक सुरक्षा प्रदान की और इसे संरक्षित किया.
2. चिचेन इत्ज़ा (The pyramid at Chichen Itza, Mexico)

मॅक्सीको मे स्थित चिचेन इत्ज़ा धरोहर का निर्माण 600 ईसापूर्व मे हुआ. इसका आकार और डिजाइन लगभग किसी परमिड जैसी ही है, इसी कारण इसे अंग्रेजी मे The pyramid at Chichen Itza कहा गया है. यह एक लोकप्रिय प्राचीन मयान मंदिर है जो भव्य तरह से 5 किलोमीटर के दायरे मे फैला हुआ है. इसकी ऊंचाई 79 फिट है जिसे चारों तरह से ऊपर चढ़ने के लिए लगभग 91 सीढ़िया मौजूद है. इन सीढ़ियों की गिनती करीब 365 होती है जिसे साल के 365 दिनों के साथ जोड़ दिया गया है. यह काफी शानदार और भव्य मंदिर है जिसे देखने के लिए दुनियाभर से करोड़ों लोग मेक्सिको आते है.
3. क्राइस्ट रिडीमर (Christ Of Redeemer, Brazil)

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में स्थित भगवान ईसा मसीह की सबसे शानदार बड़ी मूर्ति है. इस दया के ईश्वर यशु की मूर्ति को दुनिया के साथ अजूबों मे स्थान दिया गया है. यह मूर्ति काफी पर्यटन और फिल्म शूटिंग के हिसाब से भी काफी लोकप्रिय रही है. इस मूर्ति की लंबाई 38 मीटर यानी कि लगभग 130 फीट है एवं चौड़ाई 28 मीटर है. इस मूर्ति का ज्यादा महत्व ईसाइयों के लिए है जो इसे देखने के लिए दुनियाभर से आते है. माना जाता हैं कि फ्रांस के मूर्तिकार लेनदोव्सकी ने इसे बनाया और ब्राजील से सिल्वा कोस्टा ने इसे डिजाइन किया था. दोनों का रोल इसमे मूर्ति निर्माण के लिए अहम माना जाता है. इस मूर्ति का निर्माण 1922 में शुरू किया गया था जिसे नौ साल बाद इसे 12 अक्टूबर, 1931 को इसे स्थापित किया गया.
4. कोलोज़ीयम (Colosseum, Itely)

इटली की राजधानी रोम मे स्थित कोलोजियम एक प्राचीन विशाल स्टेडियम है. जिसका निर्माण 72 AD में शासक वेस्पियान द्वारा किया गया; यह निर्माण 80 AD में पूरा हुआ. यह प्राचीन स्टेडियम आज पूर्ण रूप मे मौजूद नहीं है, फिर भी इटली के पुरातत्व विभाग ने मौजूदा अवशेषो को काफी अच्छे से संभाला है जिसे देखकर पहिले के प्राचीन कोलोजियम कैसा था यह स्पष्ट रूप मे दिखता है. इस कोलोजियम को रेट और कोंक्रीट से बनाया है जो इतना बड़ा है की जिसमे लगभग 50,000 से 80,000 तक के लोग आराम से बैठ सके. ऐसे भव्य और ऐतेहासिक इमारत को देखने के लिए बड़ी संख्या मे पर्यटक रोम जाते है.
5. चीन की दीवार (Great Wall Of China, China)

ईसापूर्व 5 वी शताब्दी से लेकर 16 वी शताब्दी तक चीन के कई शासकों ने चीन के उत्तरी हमलावरों से बचाव के लिए तथा चीन में राज्य की रक्षा करने के इस Great Wall Of China इस विशाल दीवार का निर्माण किया था. यह दीवार इतनी विशाल है की अंतरिक्ष मे मौजूद सेटेलाइट द्वारा ली दूर से गई तस्वीरों मे स्पष्ट रूप से यह दिखती है. दीवार की लंबाई करीब 6400 किलोमीटर इतनी विशाल है. इस दीवार को बनाने के लिए तब 20 से 30 लाख लोगों ने अपना जीवन खपा दिया था.
तब के वक्त मिट्टी एवं पत्थरों के साँचे से इस दीवार का निर्माण हुआ. इसे निर्माण करनेवाले शासकों एवं राजा मे आठवीं शताब्दी ईसापूर्व कुई Qi), यान (Yan) और जाहो (Zhao) और २२०-२०६ ई.पू. में चीन के प्रथम सम्राट किन शी हुआंग भी शामिल है. बदलते वक्त के साथ मौजूदा शासकों ने इसे संरक्षित तथा मरम्मत के कार्य को करते रहे. युनेस्को ने इसे वर्ष १९८७ से विश्व धरोहर घोषित किया था.
6. माचू पिचू (Machu Pichu, Peru)

दुनिया के सात अजूबे मे से माचू पिच्चु स्थल भी है. यह एक साउथ अमेरिका के देश पेरू मे स्थित माचू पिच्चु एक ऊंचे पर्वत पर मौजूद एक ऐतिहासिक स्थल है. यहां मे कोलंबस पूर्व युग, इंका सभ्यता रहा करती थी. इस ऐतिहासिक स्थल की समुद्र तल से ऊंचाई 2430 मीटर है. निसर्गरम्य, आल्हाददायक वातावरण मे मौजूद यह स्थल प्राचीन अवशेषों के साथ मौजूद है जो पुरानी सभ्यता तथा प्राचीन आधुनिक शहर का एक नमूना है. माना जाता है की वहा इंका सभ्यता का वास था और यह निर्माण करीब 1400 के आसपास किया गया था. पहाड़ों मे यह स्थल होने के कारण काफी बरसों तक वहा कोई नहीं गया. वर्ष 1911 में अमेरिकी इतिहासकार हिरम बिंघम ने वहा जाकर इसकी खोज की तथा इस ऐतिहासिक स्थल को दुनिया के सामने रखा. इसे वर्ष 1983 मे यूनोस्को ने विश्व धरोहर माना है.
7. पेट्रा (Petra, Jordan)

पेट्रा एक ऐतिहासिक नगर है जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया है. इसे करीब 1200 ईसापूर्व का निर्माण माना जाता है. इस नगर मे काफी ऐतिहासिक स्थल मौजूद है जिसे पत्थरों को काटकर बनाया गया है. इस नगर को इस तरह से सुनियोजित बनाया गया है मानो कोई ईश्वरी शक्ति ने इसे बनाया हो. इस बेहतरीन कलाकृति को देखने के लिए दुनियभार से पर्यटक जोर्डन आते है.
हम आशा करते है की आपको Seven Wonders of the World in Hindi इस आर्टिकल मे आपको महत्वपूर्ण जानकारी मिली होगी. दुनिया मे मौजूद सात आश्चर्य मे से भारत मे एक ताजमहल जैसा भव्य ऐतिहासिक स्थल होना, हर भारतीय के लिए गर्व की बात है.
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