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वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए

वास्तु शास्त्र, एक प्राचीन भारतीय विज्ञान, घरों सहित इमारतों और संरचनाओं के डिजाइन और निर्माण के लिए दिशानिर्देश प्रदान करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में बाथरूम की स्थिति और दिशा का घर के समग्र ऊर्जा प्रवाह पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। इस लेख में हम वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए जानेंगे।

घर में बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए

बाथरूम किस दिशा में होना चाहिए

बाथरूम भारतीय घरों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जहाँ हम नहाने, संवारने और व्यक्तिगत स्वच्छता जैसी दैनिक गतिविधियाँ करते हैं। माना जाता है कि बाथरूम को घर के उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए, क्योंकि यह सबसे शुभ दिशा मानी जाती है। उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है और इस दिशा में स्नानागार रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है।

वायव्य दिशा में बाथरूम होता है शुभ

उत्तर-पश्चिम दिशा को वास्तु शास्त्र में ईशान दिशा के बाद दूसरी सबसे शुभ दिशा माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि उत्तर पश्चिम दिशा से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा घर में समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता ला सकती है। उत्तर-पश्चिम दिशा को वायव्य के नाम से भी जाना जाता है, जो हवा के देवता भगवान वायु का प्रतिनिधित्व करती है।

माना जाता है कि बाथरूम को उत्तर-पश्चिम दिशा में रखने से घर के समग्र ऊर्जा प्रवाह पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि उत्तर-पश्चिम दिशा में बाथरूम से निकलने वाली सकारात्मक ऊर्जा पूरे घर में प्रवाहित हो सकती है और घर में सकारात्मकता, सद्भाव और शांति ला सकती है।

अन्य दिशाएँ

जहां उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिशा बाथरूम के लिए सबसे शुभ दिशा मानी जाती है, वहीं दूसरी दिशाएं भी हैं जिन पर विचार किया जा सकता है। पश्चिम दिशा बाथरूम के लिए भी एक अच्छी दिशा मानी जाती है, क्योंकि यह पानी की दिशा का प्रतिनिधित्व करती है और शुद्धता और स्वच्छता का प्रतीक है।

हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बाथरूम को कभी भी उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है और घर के समग्र ऊर्जा प्रवाह पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसी तरह, बाथरूम को घर के केंद्र में नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को रोकता है।

कन्क्लूजन

अंत में, वास्तु शास्त्र में घर में बाथरूम की स्थिति और दिशा महत्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि बाथरूम को उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखने से घर में समृद्धि, धन और सकारात्मकता आती है। पश्चिम दिशा को भी बाथरूम के स्थान के लिए माना जा सकता है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि बाथरूम को उत्तर-पूर्व दिशा या घर के केंद्र में रखने से बचें। वास्तु शास्त्र के दिशानिर्देशों का पालन करके हम अपने घरों और जीवन में एक सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण बना सकते हैं।

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